भोपाल, । वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से इस बार सभी तीज-त्योहारों को पारंपरिक रूप से मनाने में कठिनाई आ रही है। ऐसे में ब्रह्माकुमारीज बहनें इस बार आध्यात्मिक रूप से रक्षाबंधन का पावन पर्व मनाने जा रही हैं। साथ ही उन्होंने देशवासियों से भी आध्यात्मिक रूप से रक्षाबंधन मनाने की अपील की है। राजधानी भोपाल में ब्रह्माकुमारीज के गुलमोहर सेवा केंद्र पर बहुत सुंदर व दिव्य स्वमानों की राखियां तैयार की गई हैं। जहां ब्रह्माकुमारीज बहनों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए भाइयों को सेनेटाइजर,मास्क और सुंदर वरदान दिए।
गुलमोहर सेवा केंद्र प्रभारी बी.के. डॉ.रीना बहन ने रक्षाबंधन का आध्यात्मिक रहस्य बतलाते हुए तिलक, रक्षासूत्र, मिठाई, नारियल का महत्व के बारे में भी बताया। साथ ही उन्होंने कोरोना को पराजित करने के टिप्स दिए। बी.के रीना बहन ने एसएमएस (सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सेनेटाइजर)का प्रयोग कर सुरक्षित रहने की अपील की है। क्योंकि हम सुरक्षित तो घर सुरक्षित और घर सुरक्षित तो जग सुरक्षित।
तिलक: रक्षाबंधन पर बहन भाई के माथे पर तिलक लगाती है, जो की विजय का प्रतीक होता है। इस वर्ष हम स्वयं ही स्वयं को इस स्वमान का तिलक लगाएं कि मैं इस कोरोना काल में बाहर से आने वाली हर परिस्थिति पर विजय पाने वाला परमात्मा का विजयी रत्न हूं। इस स्वमान में स्थित होने के लिए ब्रह्माकुमारीज सेंटर के भाई बहनों ने 5 मिनट ध्यान केंद्रित कर योगाभ्यास भी किया। साथ ही सभी से ध्यान केंद्रित कर इस स्वमान में स्थित होने की अपील भी की।
रक्षासूत्र: बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती है, जो भाई के लिए एक कवच का कार्य करता है। इस वर्ष हर मनुष्य अपने मन में पॉजिटिव संकल्पों का रक्षा कवच बांध ले। स्वयं को यह अनुभव कराएं कि जिस प्रकार कवच के अंदर कर्ण सुरक्षित था, उसी प्रकार मैं परमात्मा की छत्रछाया में पलने वाला विशेष रत्न हूं। जिसके अंदर कोई भी निेगेटिव विचार प्रवेश कर नहीं सकता। इसके लिए विशेष समय निकालकर प्राणायाम करने की सलाह दी गई है।
मिठाई: रक्षाबंधन पर बहन भाई का मुंह मीठा कराती है। तो हम सब पूरे देशवासी इस वर्ष सात्विक शुद्ध अन्न से स्वयं का मुख मीठा करने का प्रण लें।
नारियल: बहन भाई को नारियल भी भेंट में देती है, तो इस समय हम यह महसूस करें कि परमात्मा ने हमें यहां सुंदर प्रकृति भेंट में दी हुई है। यह विश्व ग्लोब मेरे सामने है और मैं इस ग्लोब पर रहने वाले हर मनुष्य को शुभ विचारों के संकल्पों से भरपूर कर रहा हूं।