Brahmakumaris Blessing House
दादी प्रकाशमणि जी का 17 वां स्मृति दिवस विश्व बंधुत्व दिवस के रूप में मनाया गया

ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान की पूर्व मुख्य प्रशासिका दादी प्रकाशमणि जी का स्मृति दिवस विश्व बंधुत्व दिवस के रूप में मनाया गया।
ब्रह्माकुमारीज़ ब्लेसिंग हाउस भोपाल में दादी जी की शिक्षाओं को याद कर श्रद्धासुमान अर्पित किए
दादीजी के प्रभावशाली नेतृत्व में ब्रह्माकुमारीज एक छोटे से परिवार से विश्व स्तरीय आध्यात्मिक संगठन में हुई परिवर्तित: बी.के. डॉ. रीना
ब्रह्माकुमारीज़, ब्लेसिंग हाउस, भोपाल
25/08/2024
ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान की पूर्व मुख्य प्रशासिका दादी प्रकाशमणि जी का 17 वां स्मृति दिवस विश्व बंधुत्व दिवस के रूप में मनाया गया। संस्थान के ब्लेसिंग हाउस भोपाल स्थित सेवाकेंद्र पर अलसुबह से योग-साधना के माध्यम से सैकड़ों भाई-बहनें ने अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए । यहां विशेष योग-साधना की गई। इसके बाद सुबह 7 बजे सामूहिक सत्संग (मुरली क्लास) के बाद सुबह 8 बजे दादी जी की फोटो में पुष्पांजली अर्पित की। तत्पश्चात दादी की याद में परमात्मा को विशेष भोग लगाकर दादी जी के जीवन चरित्र एवं विशेषताओं का स्मरण किया | इस अवसर पर विशेष रूप से फूलों की सजावट की गई ।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज़ ब्लेसिंग हाउस सेवाकेंद्र प्रभारी बी.के. डॉ. रीना दीदी ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज संस्थान महिलाओं द्वारा संचालित विश्व की सबसे बड़ी आध्यात्मिक संस्था है। उन्होंने कहा कि ब्रह्मा बाबा ने माताओं और बहनों को आगे करके एक महान फैसला लिया। दादी प्रकाशमणि ने ब्रह्माकुमारीज को दुनिया में सबसे बड़े महिला नेतृत्व वाले संगठन के रूप में स्थापित किया। प्रकाशमणि दादी ने महिलाओं के द्वारा ही देश विदेश में लोगों की आंतरिक सशक्तिकरण, चारित्र निर्माण एवं सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त किया। दादी जी कभी भी अपने को हेड नहीं समझती थी। वो कहती थी कि हेड समझना अर्थात हेडेक लेना। दादी जी के बताए हुए मार्ग पर चलना दादी जी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है।
दीदी ने बताया कि दादी जी भरी सभा में शान से कहती थी कि उन्होंने अपने जीवन में कभी भी झूठ नहीं बोला। दादी जी सबका सम्मान करती थी। दादी जी प्रेम और विनम्रता की साक्षात मूर्ति थी। उन्होंने सादा जीवन उच्च विचार, अध्यात्मिक जीवन शैली, विश्व बंधुत्व व वसुधैव कुटुंबकम् आदि भारतीय मूल्य, आदर्श व परंपराओं को पूरे विश्व में प्रसारित किया। साथ साथ यह भी बताया कि कैसी भी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का दादी जी ने आगे बढ़कर किया सामना |
सेवाकेन्द्र के वरिस्ट राजयोगी बी के रावेन्द्र भाई ने दादी जी कि शिक्षाओं एवं विशेषताओं को याद करते हुए बताया कि दादी जी का भोपाल ज़ोन से भी विशेष नाता रहा | दादी जी के सानिध्य में सन 2001 में सिंगरौली में एवं सन 2004 में भोपाल में कन्याओं का समर्पण समारोह आयोजित किया गया | आज लगभग 20 वर्ष से ज्यादा समय बीतने के बाद ये कन्याएं अपने अपने सेवाकेन्द्र में विश्व परिवर्तन के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही हैं | उन्होंने कहा कि दादी जी शिक्षाओं को अपने जीवन में धारण कर अपने जीवन को गुणों एवं विशेषताओं से सम्पन्न बनाना ही दादी जी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी |
इस अवसर पर सैकड़ों भाई बहनों नें दादी जो को पुष्प अर्पित किये |